यूपी में भर्ती परीक्षा केंद्रों पर बड़ा फैसला: सीएम योगी की रणनीति से नकल माफियाओं पर सिकंजा
यूपी में भर्ती परीक्षा केंद्रों पर आए बड़े फैसले ने सीएम योगी आदित्यनाथ की रणनीति को साबित किया है। इस नीति से नकल माफियाओं के पसीने छूटेंगे।
यूपी में भर्ती परीक्षा केंद्रों पर बड़ा फैसला: बनी नई नीति
उत्तर प्रदेश में भर्ती परीक्षाओं के दौरान नकल और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने एक बड़ी नीति का ऐलान किया है। यह कदम नकल माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है, जिससे प्रदेश में परीक्षाओं की पारदर्शिता और विश्वसनीयता को बढ़ावा मिल सके।
Table of Contents
- नई नीति का परिचय
- नीति की प्रमुख विशेषताएँ
- सीएम योगी की रणनीति
- नकल माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई
- छात्रों और अभिभावकों की प्रतिक्रिया
- भविष्य की योजनाएँ
- समाप्ति और निष्कर्ष
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नई नीति का परिचय
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भर्ती परीक्षाओं में नकल और धोखाधड़ी को रोकने के लिए एक नई नीति की घोषणा की है। इस नीति का उद्देश्य परीक्षा प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाना है।योगी आदित्यनाथ सरकार अब उत्तर प्रदेश में होने वाली भर्ती परीक्षाओं को लेकर सख्त कार्रवाई कर रही है। योगी सरकार की छवि पर सवाल उठाने वाले पेपर लीक मामले भर्ती परीक्षाओं के दौरान हुए हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परीक्षा केंद्रों की स्थापना को लेकर महत्वपूर्ण आदेश दिए हैं। यूपी में होने वाली भर्ती परीक्षाओं में अब परीक्षा केंद्र रेलवे स्टेशन से 10 किलोमीटर की दूरी में ही होंगे। परीक्षा केंद्रों का चुनाव करने के लिए पहले ही सीएम योगी ने निर्देश जारी किए थे।अब स्टेशन से 10 किलोमीटर की दूरी पर परीक्षा केंद्र बनाए जाने से वहां की कनेक्टिविटी बेहतर होगी। इस प्रकार माना जाता है
परीक्षा के दिन इन केंद्रों तक आसानी से प्रश्न पत्र भेजा जाएगा। परीक्षा स्थलों को दूरस्थ स्थानों पर स्थानांतरित करने से पहले प्रश्न पत्र भेजे जाना था। इसमें प्रश्नपत्र लीक होने की अधिक संभावना थी। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए, परीक्षा केंद्रों का निर्धारण अब बहुत महत्वपूर्ण है।
नीति की प्रमुख विशेषताएँ
नई नीति में कई महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल हैं, जैसे कि:
- परीक्षा केंद्रों पर सख्त सुरक्षा व्यवस्था
- सीसीटीवी कैमरों की स्थापना
- बायोमेट्रिक पहचान प्रणाली का उपयोग
- परीक्षा के दौरान मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर प्रतिबंध
CM योगी आदित्यनाथ ने पेपर लीक और परीक्षाओं में धांधली को रोकने के लिए नई नीति बनाई है। परीक्षा केंद्रों को बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और जिला कोषागार से 10 किलोमीटर के भीतर होना चाहिए। इसके अलावा, परीक्षा केंद्रों को तीन वर्ष से अधिक समय से परीक्षा करने का अनुभव होना चाहिए। शहर के भीतर परीक्षा केंद्र रहना अनिवार्य है।
साथ ही, वहां जाने के लिए सड़क भी आवश्यक है। परीक्षा केंद्र के भवन में बिजली, जेनरेटर, पेयजल और शौचालय की व्यवस्था भी अनिवार्य है।
सीएम योगी की रणनीति
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस रणनीति का मुख्य उद्देश्य नकल माफियाओं पर सख्त कार्रवाई करना और ईमानदार छात्रों को निष्पक्ष अवसर प्रदान करना है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
नकल माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई
नई नीति के तहत नकल माफियाओं के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसमें दोषियों को कठोर दंड दिए जाने की व्यवस्था की गई है, जिससे परीक्षा प्रणाली को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाया जा सके।
छात्रों और अभिभावकों की प्रतिक्रिया
छात्रों और अभिभावकों ने इस नई नीति का स्वागत किया है। उनका मानना है कि इससे परीक्षा प्रक्रिया में सुधार होगा और उन्हें निष्पक्ष माहौल में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का मौका मिलेगा।
भविष्य की योजनाएँ
योगी सरकार ने भविष्य में भी परीक्षाओं की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए और कदम उठाने की योजना बनाई है। इसमें तकनीकी सुधार और सुरक्षा उपायों को और मजबूत करना शामिल है।
डीएम कमिटी करेगी केंद्र का चुनाव
परीक्षा केंद्र पर चालू सीसीटीवी होना आवश्यक है। परीक्षा केंद्रों को चुनने के लिए डीएम की अध्यक्षता में समिति बनाई जाएगी। राजकीय इंटर कॉलेज, राजकीय डिग्री कॉलेज, राज्य और केंद्रीय विश्वविद्यालय, पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों को श्रेणी ए में शामिल किया गया है। साथ ही, श्रेणी बी के सुविधासंपन्न एडेड स्कूलों और कॉलेजों को केंद्र बनाया जाएगा। काली सूची में नामित कॉलेजों और स्कूलों को कभी भी परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा।
प्रिंटिंग प्रेस के लिए गाइडलाइन तय
परीक्षाओं के प्रश्न पत्र छपाई करने के लिए भी निर्देश जारी किए गए हैं। नई नीति ने स्पष्ट किया है कि प्रिंटिंग प्रेस चुनाव पूरी तरह से गोपनीय होगा। प्रेम में आने और जाने वाले हर व्यक्ति की जांच की जाएगी। सभी को पहचान पत्र जरूरी है। प्रेसर में मोबाइल फोन और कैमरा ले जाना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। प्रेसर के आसपास सीसीटीवी कैमरा होना अनिवार्य है। हर साल अपनी रिकॉर्डिंग को सुरक्षित रखना होगा।
परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था को चुनने में भी पूरी गोपनीयता बरती जाएगी। हर परीक्षा के लिए दो या अधिक सेट में प्रश्नपत्र बनाने का भी निर्णय लिया गया है। हर सेट अलग-अलग एजेंसी द्वारा बनाया जाएगा और छपवाया जाएगा। परीक्षा से पांच घंटे पहले निर्धारित किया जाएगा कि पेपर किस सेट पर चलेगा।
परीक्षार्थी की होगी पूरी जांच
अब परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों पर भी कड़ी निगरानी रखने का निर्णय लिया गया है। परीक्षा के दौरान स्कैन हस्ताक्षर और फोटो का मिलान होने पर परीक्षा सेंटर में प्रवेश किया जाएगा। इसके लिए AI भी होगा। परीक्षार्थियों की परीक्षा गृह मंडल से अलग होगी। परीक्षा केंद्रों को रैंडम आधार पर आवंटित किया जाएगा।
शिक्षकों के लिए भी गाइडलाइन
परीक्षा केंद्रों पर नियुक्त होने वाले वीक्षकों को अब पहले से परीक्षा हॉल नहीं मिलेगा। वीक्षण कार्य में शामिल होने वाले शिक्षकों को परीक्षा शुरू होने से ३० मिनट पहले बताया जाएगा कि वे किस हॉल में काम करेंगे। परीक्षा केंद्र पर 50 प्रतिशत कर्मचारी दूसरे संस्थान से आएंगे। परीक्षा कार्य में शामिल शिक्षकों और कर्मचारियों को कोई भी इलेक्ट्रॉनिक या कैमरा उपकरण लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। परीक्षा की हर पाली के लिए प्रश्न पत्र और आंसर शीट कोषागार से अलग-अलग ले जाएंगे।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. नई नीति का मुख्य उद्देश्य क्या है?
नई नीति का मुख्य उद्देश्य भर्ती परीक्षाओं में नकल और धोखाधड़ी को रोकना और परीक्षा प्रक्रिया को पारदर्शी और सुरक्षित बनाना है।
2. नई नीति के तहत क्या प्रावधान किए गए हैं?
नई नीति में सख्त सुरक्षा व्यवस्था, सीसीटीवी कैमरों की स्थापना, बायोमेट्रिक पहचान प्रणाली का उपयोग और परीक्षा के दौरान मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर प्रतिबंध शामिल हैं।
3. नकल माफियाओं के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी?
नकल माफियाओं के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी और दोषियों को कठोर दंड दिया जाएगा।
4. छात्रों और अभिभावकों की प्रतिक्रिया कैसी रही है?
छात्रों और अभिभावकों ने इस नई नीति का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि इससे परीक्षा प्रक्रिया में सुधार होगा।
5. भविष्य में और क्या योजनाएँ हैं?
भविष्य में भी योगी सरकार परीक्षाओं की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए तकनीकी सुधार और सुरक्षा उपायों को और मजबूत करने की योजना बना रही है।
तो आज हमने आपको यूपी में भर्ती परीक्षा केंद्रों पर बड़ा फैसला: सीएम योगी की रणनीति से नकल माफियाओं को छूट के बारे में जानकारी दी। अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो तो कृपया इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और हमें फॉलो करना न भूलें।
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