शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह की पत्नी ने लिया कीर्ति चक्र: जानें उनकी बहादुरी की कहानी

जब शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह की पत्नी ने लिया कीर्ति चक्र, तो यह उनकी अद्वितीय और प्रेरणादायक कहानी को दर्शाता है। इस लेख में उनकी बहादुरी और समर्पण को समर्थन में बताया गया है।

शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह की पत्नी ने लिया कीर्ति चक्र: जानें उनकी बहादुरी की कहानी
image source google

जब शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह की पत्नी ने लिया कीर्ति चक्र

समीक्षा

शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह की शहादत के बाद, उनकी पत्नी ने उनके योगदान को सम्मानित करते हुए कीर्ति चक्र प्राप्त किया। इस विशेष क्षण ने देशवासियों के दिलों में गहरी भावनाओं को जगाया।शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 10 सैनिकों को उनके शौर्य के लिए कीर्ति चक्र से सम्मानित किया। सात विद्यार्थियों को मरणोपरांत सम्मान मिला।

कैप्टन अंशुमान सिंह भी मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित हुए। ये सम्मान कैप्टन अंशुमान सिंह की पत्नी स्मृति ने स्वीकार किया। वह इस दौरान बहुत भावुक थीं, लेकिन साहस से आंसुओं को रोके रहीं। जिसने भी इस सीन को देखा, उसके आँखें नम हो गईं। अंशुमान सिंह की पत्नी की साहस और साहस को देखकर सब लोग शहीद की शहादत को याद करने लगे।

Table of cantent

  • परिचय
  • कैप्टन अंशुमान सिंह की जीवनी
  • कीर्ति चक्र: भारतीय सेना का ऊँचा सम्मान
  • शहीद के परिवार का गर्व

परिचय

इस लेख में हम बात करेंगे शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह की पत्नी के बारे में, जिन्होंने उनके बलिदान को सम्मानित करते हुए कीर्ति चक्र प्राप्त किया। कैप्टन अंशुमान सिंह ने अपनी जान की बाजी लगाकर देश की सेवा में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था। उनकी वीरता और समर्पण को सम्मानित करते हुए, उनकी पत्नी को कीर्ति चक्र से नवाजा गया, जिसने उनके परिवार और देश के लिए गर्व का विषय बना।

पिछले साल शहीद हुए थे कैप्टन अंशुमान सिंह

कैप्टन अंशुमान सिंह उत्तर प्रदेश के देवरिया में पैदा हुए थे। 19 जुलाई 2023 को अंशुमान सिंह ने सियाचिन ग्लेशियर में 17 हजार फीट की ऊंचाई पर देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। वो 26वीं पंजाब रेजिमेंट बटालियन के कैप्टन थे। सियाचिन में अपने साथियों को बचाते हुए शहीद हो गए। कैप्टन अंशुमान ने चार सैनिकों को बचाया।

वह खुद अपने जवानों को बचाते हुए शहीद हो गए। सरकार ने उनकी शहादत और वीरता को देखते हुए उन्हें मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया है। शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मां मंजू सिंह और कैप्टन अंशुमान सिंह की पत्नी स्मृति को ये सम्मान दिया।

राष्ट्रपति ने किया सम्मानित

कैप्टन अंशुमान सिंह की पत्नी भावुक होकर साहस से खड़ी रहीं जब राष्ट्रपति भवन में उनका सम्मान किया गया। उनके चेहरे पर दुःख और गर्व दोनों झलक रहे थे। स्मृति की साहस और साहस को हर कोई सलाम कर रहा था। स्मृति ने बताया कि ये क्षण उनके लिए बहुत भावुक था।

कैप्टन अंशुमान पिछले साल शहीद हो गए थे और उनका पार्थिव शरीर देवरिया पहुंचा था, तब भी उनकी पत्नी ने साहसपूर्वक पति को विदा किया था। गार्ड ऑफ ऑनर ने पति के पार्थिव शरीर को जन्म दिया। "मेरे हीरो, आपकी शहादत पर मुझे गर्व है," उन्होंने आखिरी बार अपने पति के माथे को चूमते हुए कहा। आपने भारत माता की रक्षा की है, इसलिए आपको दिल से श्रद्धांजलि दी जाती है।उसने फिर आंसू बहाए। भारत माता की जय के नारे हर जगह गूंज रहे थे।

जारी रहना

शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह की पत्नी द्वारा कीर्ति चक्र प्राप्ति ने उनके योगदान को न सिर्फ सम्मानित किया है, बल्कि देशवासियों में उनकी वीरता और समर्पण को स्मरणीय बना दिया है। इस प्रकार के सम्मान उनके परिवार और समाज के लिए प्रेरणा स्रोत भी हैं।

कैप्टन अंशुमान सिंह का जीवन

कैप्टन अंशुमान सिंह एक वीर सेना अधिकारी थे, जिन्होंने भारतीय सेना में अपनी शौर्यगाथाओं से नाम कमाया। उन्होंने अपनी सेवा के दौरान अनेक कठोर परिस्थितियों में वीरता दिखाई और देश के लिए अपना पूरा समर्पण किया।

सेना में सेवा

कैप्टन अंशुमान सिंह ने सेना में अपनी प्रवीणता और पराक्रम से विशेष पहचान बनाई। उनके नेतृत्व में वायुसेना के कई महत्वपूर्ण कार्यों में उन्होंने अपनी सामर्थ्य का परिचय दिया।

बलिदान और शहादत

कैप्टन अंशुमान सिंह ने एक दुखद दिन में अपनी शहादत के बलिदान का सामना किया। उन्होंने युद्धभूमि पर अपनी वीरता से भरी लड़ाई लड़ते हुए देश की सेवा में अपनी आखिरी सांस तक लगा दी।

सम्मान

कैप्टन अंशुमान सिंह को उनकी वीरता और समर्पण के लिए सेना द्वारा कई सम्मानों से नवाजा गया। उनकी शहादत ने उन्हें देशवासियों के दिलों में अमर बना दिया।

परिवार

कैप्टन अंशुमान सिंह का परिवार उनकी वीरता और बलिदान को हमेशा सम्मानित करता है। उनकी पत्नी ने भी उनके योगदान को सम्मानित करते हुए कीर्ति चक्र प्राप्त किया, जो एक बड़ा सम्मान था।

कीर्ति चक्र: भारतीय सेना का ऊँचा सम्मान

कीर्ति चक्र भारतीय सशस्त्र सेना का सबसे ऊँचा युद्ध सम्मान है, जो वीरता, बलिदान और पराक्रम को सम्मानित करता है। यह सम्मान उन सैनिकों को प्राप्त होता है जो सर्वोच्च परिस्थितियों में अपनी जान की बाजी लगाते हुए देश की सेवा में अपना सर्वोच्च बलिदान देते हैं।

कीर्ति चक्र के प्रकार:

  1. सदर-ए-जुरात: यह सम्मान सेना, वायुसेना, और नौसेना के जवानों को दिया जाता है।

  2. अती वीर चक्र: इस सम्मान को वायुसेना और नौसेना के अधिकारियों को दिया जाता है।

  3. परम वीर चक्र: यह सम्मान देश के विभिन्न बहादुर वीर सैनिकों को दिया जाता है।

कीर्ति चक्र का महत्व:

  • यह सम्मान सेना की शौर्य और बलिदान को स्थायीत करता है।
  • इसे प्राप्त करने वाले सैनिकों की वीरता और निष्ठा को देशवासियों द्वारा गहरी सम्मान मिलता है।
  • इसके माध्यम से समाज में शौर्य की प्रेरणा होती है और युवा पीढ़ी को सेना में शामिल होने के लिए प्रेरित करती है।

इस प्रकार, कीर्ति चक्र भारतीय सेना की सर्वोच्च प्रतिष्ठा और गर्व का प्रतीक है, जो उन सैनिकों को सम्मानित करता है जिन्होंने देश के लिए अपना सर्वस्व अर्पित किया है।

शहीद के परिवार का गर्व

शहीदों के परिवार का गर्व एक अविस्मरणीय और सांस्कृतिक भारतीय मूल्य है। यह गर्व उनकी वीरता और बलिदान को समर्पित होता है, जिसने उन्हें अपने देश और समाज के सेवा में अपनी जान देने के लिए प्रेरित किया। शहीद के परिवार का गर्व उनके समर्पण और परिश्रम के प्रति देशवासियों का सम्मान और प्रेम दिखाता है।

इस गर्व के साथ, शहीद के परिवार को उनके सदगुणों, निष्ठा, और उनके परिवार के लिए दिए गए समर्पण के लिए समाज में उच्च स्तर की सम्मान प्राप्त होती है। इस गर्व का महत्व उनके योगदान को समझने और उनकी सेवा के प्रति हमारे समाज के जागरूकता में भी है।

प्रश्नोत्तरी (FAQs)

1. शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह कौन थे?

कैप्टन अंशुमान सिंह भारतीय सेना के एक वीर सेनापति थे जिन्होंने अपनी जान की बाजी लगाकर देश की सेवा में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।

2. उन्हें कीर्ति चक्र क्यों प्राप्त हुआ?

कैप्टन अंशुमान सिंह को उनकी वीरता, साहस और शौर्य के कारण कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया, जो उन्होंने युद्धभूमि पर दिखाया।

3. उनके परिवार कैसे महसूस करता है?

शहीद के परिवार को उनके समर्पण और बलिदान के प्रति गर्व होता है। उनका परिवार उन्हें हमेशा याद रखता है और उनके योगदान को समर्थन देता है।

4. कीर्ति चक्र का महत्व क्या है?

कीर्ति चक्र भारतीय सेना का सबसे ऊँचा युद्ध सम्मान है, जो वीरता और बलिदान को समर्थित करता है और उन्हें समाज में श्रेयस्कर बनाता है।

5. कैप्टन अंशुमान सिंह की शहादत की कहानी क्या है?

कैप्टन अंशुमान सिंह ने अपनी शहादत के बलिदान के दौरान देश की सेवा में अपनी जान दी। उनकी शौर्यगाथा उनके वीरता और समर्पण का प्रतीक है।

तो आज हमने  शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह की पत्नी ने लिया कीर्ति चक्र: जानें उनकी बहादुरी की कहानी  के बारे में जानकारी दी। अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो तो कृपया इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और हमें फॉलो करना न भूलें।

Facebook Page Follow us on Facebook

Our WhatsApp Chanel Follow us on WhatsApp

Check Satta Matka Result

यह भी पढ़ें-

ONEPLUS समर लॉन्च इवेंट 2024: नए इनोवेशन और उत्पादों की शानदार पेशकश

सट्टा फिक्स: जीत के लिए सटीक भविष्यवाणियाँ, टिप्स और परिणाम