पाकिस्तान बोला- भारत के साथ रिश्ते सुधारने को तैयार:कहा- दुश्मनी में भरोसा नहीं रखते, लेकिन भारत अपना दबदबा बढ़ाने के लिए फैसले नहीं थोप सकता
पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने मंगलवार को भारत के साथ रिश्ते सुधारने की वकालत की है। पाकिस्तान सरकार के थिंक टैंक ISSI की 51वीं सालगिरह पर एक समारोह को संबोधित करते हुए डार ने कहा, "हम दुश्मनी में भरोसा नहीं करते हैं।
पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने मंगलवार को भारत के साथ रिश्ते सुधारने की वकालत की है। पाकिस्तान सरकार के थिंक टैंक ISSI की 51वीं सालगिरह पर एक समारोह को संबोधित करते हुए डार ने कहा, "हम दुश्मनी में भरोसा नहीं करते हैं। हम भारत के साथ अच्छे पड़ोसी की तरह रिश्ते बनाते हुए जम्मू कश्मीर विवाद को शांतिपूर्ण और सही तरह से हल करना चाहते हैं।"
डार ने कहा कि पाकिस्तान और भारत के बीच सालों से दिक्कतें रही हैं। हमें लगता है कि भाजपा के नेतृत्व वाली NDA सरकार के तीसरे कार्यकाल के साथ अब समय आ गया है कि हम दोनों देशों के रिश्तों को सुधारने पर गंभीरता से विचार करें। यह सिर्फ भारत और पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया के हित में होगा।
पाकिस्तान की चेतावनी: सैन्य कार्रवाई का जवाब देंगे
विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा बातचीत के जरिए मसलों को सुलझाने का समर्थक रहा है, लेकिन हम कभी भी भारत के एकतरफा फैसलों को पाकिस्तान पर थोपे जाने और क्षेत्र में अपना दबदबा बनाने की कोशिशों को स्वीकार नहीं करेंगे। भारत को चेतावनी देते हुए डार ने कहा कि पाकिस्तान दक्षिण एशिया में स्थिरता बनाए रखने के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा। अगर भारत की हिंदुत्व वाली सरकार ने सैन्य कार्रवाई करने की कोई भी कोशिश की तो हम उसका जवाब जरूर देंगे।
UN में भारतीय प्रतिनिधि का जवाब: पाकिस्तान को जवाब देना समय की बर्बादी
जहां एक तरफ पाकिस्तान के मंत्री भारत के साथ रिश्ते सुधारने की बात कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ UN महासभा में बैठक के दौरान पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने एक बार फिर से कश्मीर का मुद्दा उठाया। पाकिस्तान को जवाब देते हुए भारत के प्रतिनिधि प्रतीक माथुर ने कहा, "आज एक डेलिगेशन ने इस बैठक का इस्तेमाल झूठे नेरेटिव को फैलाने के लिए किया।" माथुर ने कहा कि वह पाकिस्तान के बयान का कोई जवाब नहीं देंगे, क्योंकि यह सभा के समय की बर्बादी होगी। पाकिस्तान इससे पहले भी अलग-अलग मौकों पर UN में कश्मीर का मुद्दा उठाता रहा है। इस पर भारत ने हर बार कहा है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न हिस्सा हैं। पाकिस्तान को भारत पर उंगली उठाने से पहले अपने देश पर ध्यान देना चाहिए।
PAK विदेश मंत्रालय: भारत की बयानबाजी के बावजूद हमारा जिम्मेदाराना रवैया
पिछले 4 महीनों में पाकिस्तान के अलग-अलग मंत्री कई बार भारत से रिश्ते सुधारने को लेकर बयान दे चुके हैं। जून की शुरुआत में पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज बलोच ने कहा था कि भारत की तरफ से हो रही बयानबाजी और तमाम मुश्किलों के बावजूद हमने जिम्मेदाराना रवैया अपनाया है। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान भारत के साथ जम्मू-कश्मीर के विवाद समेत सभी मसलों को बातचीत के जरिए हल निकालने को तैयार है। हमें उम्मीद है कि दोनों देशों में शांति बनाए रखने के लिए भारत भी बातचीत से समस्याओं का हल निकालने की कोशिश करेगा।
'भारत के साथ व्यापार शुरू करना चाहता है पाकिस्तान'
वहीं अप्रैल में रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने उम्मीद जताई थी कि भारत में लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद दोनों देशों के रिश्ते सुधरेंगे। उन्होंने कहा था कि भारत-पाक संबंधों का अपना एक खास इतिहास रहा है। ऐसे में चुनाव के बाद हालात बदलने की उम्मीद है। इससे पहले 23 मार्च को पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा था कि पाकिस्तान का व्यापारिक समुदाय भारत के साथ व्यापार बहाल करना चाहता है। सरकार मामले से जुड़े लोगों से सलाह लेकर सभी प्रस्तावों की समीक्षा के बाद निर्णय लेगी।
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