शुभेंदु अधिकारी ने 'साथ-सबका विकास' पर उठाए सवालों को दिया मजबूत बयान,जानें अब क्या बोले ?
शुभेंदु अधिकारी ने विश्वास जताया कि विकास के कामों से हिंदू और मुस्लिम दोनों को फायदा होता है, और इसके बावजूद भी उन्हें सांप्रदायिक मतदान का दोष देने की कोशिश की गई है। उन्होंने अपने क्षेत्र में समाजिक समरसता के लिए अपने कामों का जिक्र किया और बताया कि उनका उद्देश्य सभी नागरिकों के विकास में योगदान देना है।
कहा जाता है कि पश्चिम बंगाल के भारतीय जनता पार्टी के नेता और प्रतिपक्षी शुभेंदु अधिकारी अक्सर अपने बयानों से सुर्खियों में रहते हैं। इस बार भी उन्होंने अपने बयानों से चर्चा को चारों ओर फैला दिया है। आज (17 जुलाई), उन्होंने बताया कि मुस्लिमों को बीजेपी में कोई जगह नहीं मिलती है, लेकिन उन्होंने इस बात की सफाई भी दी कि उनका उद्देश्य हम सबका साथ, सबका विकास' को नहीं, बल्कि जो हमारे साथ हैं, हम उनके साथ हैं' को प्रेरित करना है।
उन्होंने इस बात को साफ करते हुए कहा कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला जा रहा है। जब भी वे अपने निर्वाचन क्षेत्र में जाते हैं, वहां हिंदू और मुस्लिम सभी को विकास योजनाओं का लाभ पहुंचता है, लेकिन फिर भी उन्हें 'हिंदू पार्टी' के रूप में देखा जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि उनकी सरकार ने देश के हर नागरिक के लिए योजनाएं बनाई हैं, और उनके बयान में उनका निजी पक्ष है, जिसका सरकार से कोई लेना-देना नहीं है।
विधायक शुभेंदु अधिकारी ने आगे यह भी कहा कि 'सबका साथ, सबका विकास' नारा अभी भी कायम है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरू किया था। उन्होंने इसे अपने कार्यकर्ताओं के साथ साझा करने की भी अपील की, और कहा कि बीजेपी की राज्य इकाई को सबके साथ होना चाहिए, न कि उन लोगों के साथ जो उनके विचारों से सहमत नहीं हैं। उन्होंने यह भी माना कि यह एक राजनीतिक बयान है, और इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'सबका साथ, सबका विकास' नारे से कोई संबंध नहीं है।
शुभेंदु अधिकारी ने व्यक्त किया कि उनके निर्वाचन क्षेत्र में विकास कार्यों से हिंदू और मुस्लिम दोनों को लाभ होता है। उन्होंने कहा कि बीजेपी के बारे में 'हिंदू पार्टी' की बातें सुनने को मिलती हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने साफ किया कि उनका काम देश के सभी नागरिकों के लिए है, चाहे वे किसी भी धर्म या समुदाय से हों।
उन्होंने अपने बयान में यह भी उजागर किया कि सांप्रदायिक मतदान ने बीजेपी को काफी प्रभावित किया है। उन्होंने यह बताया कि उनके निर्वाचन क्षेत्र में अल्पसंख्यक समुदाय के साथ मिलन उत्सव के दौरान ईद मनायी, लेकिन लोकसभा चुनावों में उनके बीजेपी उम्मीदवार को किसी भी वोट का समर्थन नहीं मिला।
इसके साथ ही, उन्होंने अपने बयान को समाप्त करते हुए कहा कि उनका व्यक्तिगत विचार है और इसमें पार्टी की राजनीतिक दृष्टिकोण से कोई सम्बंध नहीं है।
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