जगन्नाथ रथ यात्रा: सिंहद्वार के सामने लगाए गए तीनों रथ, CM माझी ने बड़दांड में लगाई झाड़ू

जानें कैसे जगन्नाथ रथ यात्रा की सभी तैयारियां पूरी हो गईं और सिंहद्वार के सामने लगाए गए तीनों रथ। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बड़दांड में लगाई झाड़ू।

जगन्नाथ रथ यात्रा: सिंहद्वार के सामने लगाए गए तीनों रथ, CM माझी ने बड़दांड में लगाई झाड़ू
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जगन्नाथ रथ यात्रा की सभी तैयारियां पूरी, सिंहद्वार के सामने लगाए गए तीनों रथ; CM माझी ने बड़दांड में लगाई झाड़ू

इस साल दो दिनों के लिए पुरी में महाप्रभु जगन्नाथ जी की विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा कल से शुरू होगी। यहां दोनों दिन रथ खींचे जाएंगे। इसके लिए पुरी जगन्नाथ धाम में सभी प्रबंध पूरे हो चुके हैं और सभी श्रद्धालु यहां आने को तैयार हैं। शहर में रथयात्रा के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।

 


विषय-सूची (Table of Contents)

  1. परिचय
  2. रथ यात्रा की तैयारियां
    • 2.1 रथ निर्माण
    • 2.2 सुरक्षा व्यवस्था
    • 2.3 स्वास्थ्य सेवाएं
    • 2.4 सफाई अभियान
  3. CM माझी की भागीदारी
  4. सिंहद्वार के सामने रथों की स्थापना
  5. अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

परिचय

जगन्नाथ रथ यात्रा भारत के ओडिशा राज्य के पुरी शहर में मनाई जाने वाली एक प्रमुख हिंदू त्योहार है। यह यात्रा भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को समर्पित है। इस त्योहार का आयोजन आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को होता है। इस दिन भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के विशाल रथों को खींचकर मुख्य मंदिर से गुंडिचा मंदिर तक ले जाया जाता है, जो लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

रथ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है, जो भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने और उनके रथों को खींचने के लिए पुरी आती है। इस महोत्सव को भव्य तरीके से मनाया जाता है और यह धार्मिक आस्था और भक्ति का प्रतीक है। इस वर्ष की रथ यात्रा की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और सिंहद्वार के सामने तीनों रथ लगाए गए हैं। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी इस महोत्सव में भाग लिया और बड़दांड में झाड़ू लगाकर स्वच्छता का संदेश दिया।

रथ यात्रा न केवल धार्मिक महत्व रखती है बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपरा का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस महोत्सव में भाग लेने वाले श्रद्धालु अपनी भक्ति और आस्था को प्रकट करते हैं और भगवान जगन्नाथ से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। यह यात्रा एक अद्वितीय और पवित्र अनुभव प्रदान करती है जो जीवनभर यादगार रहता है।

रथ यात्रा की तैयारियां

जगन्नाथ रथ यात्रा की तैयारियां कई महीने पहले से ही शुरू हो जाती हैं। इस महोत्सव के सफल आयोजन के लिए निम्नलिखित प्रमुख तैयारियां की जाती हैं:

1. रथ निर्माण

रथ यात्रा का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है रथों का निर्माण। भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के लिए भव्य और विशाल रथ बनाए जाते हैं। ये रथ विशेष प्रकार की लकड़ी से बनाए जाते हैं, जिसे विशेष रूप से इस उद्देश्य के लिए चुना जाता है। रथ निर्माण में कुशल कारीगर और बढ़ई शामिल होते हैं, जो पारंपरिक विधियों का पालन करते हुए रथ बनाते हैं। रथों को सुंदर तरीके से सजाया जाता है, जिसमें रंग-बिरंगी कपड़े, फूल और धार्मिक प्रतीक शामिल होते हैं।

2. सुरक्षा व्यवस्था

रथ यात्रा के दौरान लाखों श्रद्धालु पुरी में एकत्रित होते हैं, इसलिए सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की जाती है। पुलिस और सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की जाती है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन की मदद से पूरे यात्रा मार्ग की निगरानी की जाती है। सुरक्षा कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि वे किसी भी आपात स्थिति से निपट सकें।

3. स्वास्थ्य सेवाएं

श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य देखभाल के लिए व्यापक चिकित्सा व्यवस्था की जाती है। यात्रा मार्ग पर एम्बुलेंस और चिकित्सा टीम तैनात की जाती हैं। विभिन्न स्थानों पर प्राथमिक चिकित्सा केंद्र स्थापित किए जाते हैं ताकि किसी भी चिकित्सा आपात स्थिति का तुरंत इलाज किया जा सके। इसके अलावा, पेयजल और स्वच्छता की सुविधाएं भी सुनिश्चित की जाती हैं।

4. सफाई अभियान

रथ यात्रा से पहले और यात्रा के दौरान सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाता है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने खुद बड़दांड में झाड़ू लगाकर सफाई अभियान की शुरुआत की और जनता को स्वच्छता का संदेश दिया। सफाई कर्मचारियों की टीमें नियमित रूप से पूरे यात्रा मार्ग की सफाई करती हैं ताकि श्रद्धालुओं को स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण मिल सके।

5. यातायात प्रबंधन

रथ यात्रा के दौरान यातायात प्रबंधन भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। यात्रा के मार्ग पर यातायात की उचित व्यवस्था की जाती है ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। विशेष यातायात योजनाएं बनाई जाती हैं और वाहनों के लिए पार्किंग की सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाती हैं।

6. श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं

यात्रा में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं के लिए कई सुविधाएं प्रदान की जाती हैं, जैसे अस्थायी आवास, भोजन और पेयजल की व्यवस्था। विभिन्न सामाजिक और धार्मिक संगठनों द्वारा भंडारे और सेवा शिविर आयोजित किए जाते हैं, जहां श्रद्धालुओं को मुफ्त भोजन और पेयजल उपलब्ध कराया जाता है।

रथ यात्रा की ये तैयारियां सुनिश्चित करती हैं कि यह महोत्सव बिना किसी बाधा के सफलतापूर्वक संपन्न हो सके और श्रद्धालुओं को एक सुखद और आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त हो।

CM माझी की भागीदारी

मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इस वर्ष भी रथ यात्रा में भाग लिया और बड़दांड में झाड़ू लगाई। यह परंपरा पुरानी है जिसमें मुख्यमंत्री खुद सफाई अभियान में भाग लेते हैं। इस कार्य से उन्होंने स्वच्छता का महत्व दर्शाया और जनता को प्रेरित किया।

शनिवार को खुद मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी अपनी टीम के साथ पुरी पहुंचे और प्रभु का स्वागत करने के लिए बड़दांड में झाडू लगाकर सफाई की। इसके अलावा, प्रत्येक कर रथयात्रा की सभी तैयारियों को देखा गया।

वहीं, शनिवार को महाप्रभु की सुबह की धूप पूरी होने के बाद जगन्नाथ मंदिर से आज्ञा माला लाया गया। तीन रथों को पूजा करने वाले पंडा सामन्त ने पटिदिअं से आज्ञा दी, फिर रथ खींचने की प्रक्रिया शुरू हुई।

पुलिस अधिकारी और भक्त तीनों रथों को रथखला में सज धजकर तैयार करके जगन्नाथ मंदिर के सामने सिंहद्वार लाए। इस दौरान जगन्नाथ धाम भर में जय जगन्नाथ के जयघोष गूंजते रहे।

सिंहद्वार के सामने रथों की स्थापना

रथ यात्रा की शुरुआत से पहले सिंहद्वार के सामने तीनों रथों की स्थापना की जाती है। इस वर्ष भी भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथ सिंहद्वार के सामने लगाए गए हैं। रथों को सुंदर और भव्य तरीके से सजाया गया है और इन्हें खींचने के लिए हजारों श्रद्धालु जुटेंगे।

रथ यात्रा के दौरान, सिंहद्वार के सामने रथों की स्थापना एक महत्वपूर्ण और प्रतीकात्मक कार्यक्रम होता है। यहां पर विभिन्न रथों को धातु या लकड़ी से बनाया जाता है और उन्हें सिंहद्वार के सामने स्थापित किया जाता है। यह पारंपरिक रूप से मंदिर से लेकर यात्रा के मुख्य स्थलों तक की यात्रा के दौरान लोगों को धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाओं को अनुभव कराता है।

कुछ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) रथ यात्रा के संबंध में:

  1. रथ यात्रा क्या है?

    • रथ यात्रा भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के तीनों रथों को मंदिर से लेकर उनके मंदिरों तक की पावन यात्रा है। यह पुरे देश में धूमधाम से मनाई जाती है।
  2. रथ किसे कहते हैं?

    • रथ भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के लिए तैयार की गई विशेष गाड़ियों को कहते हैं, जो यात्रा के दौरान उन्हें खींचती हैं।
  3. रथ यात्रा की परंपरा क्या है?

    • रथ यात्रा का अभिप्राय है भगवान के वाहनों के माध्यम से उनकी जनता के सामने आना और उनका दर्शन कराना। यह हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है।
  4. रथ यात्रा कहाँ से शुरू होती है?

    • रथ यात्रा मंदिर से शुरू होती है और मुख्यतः पुरे देश के भक्तों के समर्थन में आयोजित की जाती है।
  5. यात्रा का परिणाम्वाद क्या होता है?

    • रथ यात्रा के द्वारा भगवान के दर्शन करने से व्यक्ति को धार्मिक और आध्यात्मिक लाभ मिलता है, जो उसके जीवन को शांति और संतोष से भर देता है।

ये सभी प्रश्न रथ यात्रा से जुड़े हुए महत्वपूर्ण सवाल हैं।

तो आज हमने आपको   जगन्नाथ रथ यात्रा: सिंहद्वार के सामने लगाए गए तीनों रथ, CM माझी ने बड़दांड में लगाई झाड़ू के बारे में जानकारी दी। अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो तो कृपया इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और हमें फॉलो करना न भूलें।

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