ईरान में राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग जारी:इब्राहिम रईसी की हवाई हादसे में मौत के बाद हो रहा चुनाव, रेस में 4 उम्मीदवार
आज, ईरान में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हो रहे हैं। देश भर में 58,000 से अधिक पोलिंग बूथ पर सुबह 8 बजे से वोटिंग चालू है, जो शाम 6 बजे (स्थानीय समयानुसार) तक चलेगी। जरूरत पड़ने पर इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है। इस चुनाव में 6 करोड़ से अधिक वोटर भाग ले रहे हैं, जो पिछले महीने इब्राहिम रईसी की विमान हादसे में हुई मौत के बाद नए राष्ट्रपति का चयन करेंगे।
ईरान में राष्ट्रपति चुनाव 2024: महत्वपूर्ण घटनाक्रम
आज, ईरान में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हो रहे हैं। देश भर में 58,000 से अधिक पोलिंग बूथ पर सुबह 8 बजे से वोटिंग चालू है, जो शाम 6 बजे (स्थानीय समयानुसार) तक चलेगी। जरूरत पड़ने पर इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है। इस चुनाव में 6 करोड़ से अधिक वोटर भाग ले रहे हैं, जो पिछले महीने इब्राहिम रईसी की विमान हादसे में हुई मौत के बाद नए राष्ट्रपति का चयन करेंगे।
राष्ट्रपति पद की रेस और प्रत्याशियों की स्थिति
राष्ट्रपति चुनाव में 6 प्रत्याशी थे, लेकिन वोटिंग से कुछ घंटे पहले 2 प्रत्याशियों ने नाम वापस ले लिया। ईरानी मीडिया के मुताबिक, ये नेता नहीं चाहते थे कि रूढ़िवादी नेताओं का वोट बंटे और उदारवादी नेताओं को फायदा हो।
प्रमुख घटनाएँ:
- उपराष्ट्रपति आमिर हुसैन काजीजादेह हाशमी का नाम वापस लेना: उन्होंने रिवॉल्यूशनरी फोर्स की एकता बनाए रखने के लिए अपना नाम वापस लिया और उम्मीद जताई कि बाकी उम्मीदवार, मोहम्मद बाकर कालीबाफ, सईद जलीली और अली रजा जकानी भी एकजुट हो जाएंगे।
- तेहरान के मेयर अली रजा जकानी का पीछे हटना: उपराष्ट्रपति की अपील के बाद, जकानी ने भी पीछे हटने का फैसला किया। उन्होंने 2021 में भी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की दावेदारी मजबूत करने के लिए ऐसा किया था।
अब राष्ट्रपति पद की रेस में चार उम्मीदवार बचे हैं, जिनमें से 2 रिवोल्यूशनरी फोर्स से जुड़े नहीं हैं।
अंतिम चार उम्मीदवार:
- सईद जलीली: राष्ट्रीय सुरक्षा आयोग के पूर्व सचिव और कट्टरपंथी खेमे के माने जाते हैं। उनका परमाणु हथियारों पर आक्रामक रुख रहा है और वे अयातोल्ला खामेनई के करीबी हैं।
- मोहम्मद बाकर कालीबाफ: संसद के मौजूदा स्पीकर, पूर्व तेहरान मेयर और रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स के प्रमुख रहे हैं। वे खुद को व्यावहारिक सियासी शख्सियत के रूप में प्रस्तुत करना पसंद करते हैं।
- मुस्तफा पोरमोहम्मदी: पूर्व कानून और गृह मंत्री, जो कट्टरपंथी नेता माने जाते हैं, लेकिन हिजाब कानून के खिलाफ हैं। उन्होंने हिजाब कानून को खत्म करने की बात कही है।
- मसूद पजशकियानरेस: तबरेज से सांसद और सबसे उदारवादी नेता के रूप में जाने जाते हैं। उन्हें पूर्व राष्ट्रपति हसन रूहानी का करीबी माना जाता है और वे हिजाब का विरोध करते हैं।
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हिजाब का मुद्दा और चुनावी परिदृश्य
इस चुनाव में भ्रष्टाचार, पश्चिमी देशों के प्रतिबंध, प्रेस की आजादी और प्रतिभा पलायन जैसे नए मुद्दे प्रमुख हैं। सबसे चौंकाने वाला चुनावी मुद्दा हिजाब कानून का है। 2022 के हिजाब विरोधी आंदोलन और उसके बाद सरकार द्वारा किए गए दमन ने कई वोटर्स के लिए इसे सबसे बड़ा मुद्दा बना दिया है। हिजाब लंबे समय से धार्मिक पहचान का प्रतीक रहा है, लेकिन ईरान में यह एक राजनीतिक हथियार भी है।
ईरान के 6.1 करोड़ वोटर्स में से आधे से ज्यादा महिलाएं हैं। राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार मोहम्मद बाकर कालीबाफ ने कहा था कि हिजाब कानून पर नई दिशा में काम करने की जरूरत है, जो कि एक कट्टरपंथी नेता के लिए असामान्य बयान है।
चुनाव के नियम
चुनाव के नियमों के मुताबिक, राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के आवेदन ईरान की गार्जियन काउंसिल द्वारा देखे जाते हैं। इस बार, 80 लोगों ने आवेदन दिया था, लेकिन गार्जियन काउंसिल ने केवल 6 को चुनाव लड़ने की मंजूरी दी। पूर्व राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद और तीन बार संसद के स्पीकर रह चुके अली लारीजानी को मंजूरी नहीं मिली। 7 महिलाओं ने भी आवेदन किया था, लेकिन उन्हें भी मंजूरी नहीं मिली।
इस लेख में हमनेअमेरिका में 28 जून को राष्ट्रपति जो बाइडेन और डोनाल्ड ट्रम्प के बीच पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट हुई के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की है। यदि आपके पास इस विषय पर कोई और प्रश्न हों या और जानकारी चाहिए, तो कृपया हमें टिप्पणी के माध्यम से बताएं। अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो तो कृपया इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और हमें फॉलो करना न भूलें।
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