जानें हाथरस कांड की पूरी कहानी:बाबा को छूने की चाह में भक्त गड्ढों में गिरे !
जानें हाथरस कांड की पूरी कहानी: बाबा को छूने की चाह में भक्त गड्ढों और नालों में रौंदे गए। इस त्रासदी में भक्तों की भीड़ और भगदड़ के दौरान क्या-क्या हुआ, कब-कब हुआ, और प्रशासन ने क्या कदम उठाए। पढ़ें पूरी घटना का सिलसिलेवार विवरण।
नई दिल्ली:
हाथरस भगदड़ मामले में पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे की जांच के आदेश दिए हैं. राज्य सरकार ने इस हादसे में जिन लोगों की जान गई है उन्हें दो-दो लाख रुपये और जो लोग घायल हुए हैं उन्हें 50-50 हजार रुपये का मुआवजे का ऐलान किया है. इस हादसे को लेकर राष्ट्रपति मुर्मू और पीएम मोदी ने शोक संवेदना व्यक्त की है. आज हम आपको 10 प्वाइंट्स में इस हादसे से जुड़ी एक-एक बात सिलसिलेवार तरीके से बताने जा रहे हैं...
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आयोजन स्थल और कार्यक्रम:
- नारायण साकार विश्व हरि (भोले बाबा) के एक दिवसीय प्रवचन के लिए सिकंदराराऊ से एटा रोड पर स्थित फुलरई गांव में करीब डेढ़ सौ बीघा जमीन में आयोजन किया गया था।
- इस सत्संग को "नाम मान मंगल मिलन सदभावना समागम" कहा गया और इसमें करीब एक लाख लोगों के बैठने की व्यवस्था थी।
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भीड़ की संख्या:
- सत्संग के दौरान करीब डेढ़ लाख लोग घटनास्थल पर मौजूद थे, जो कि अनुमोदित संख्या से अधिक थे।
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सत्संग की शुरुआत:
- सुबह 11 बजे बाबा भोले मंच पर आए। भीड़ अधिक होने के कारण सत्संग के शुरू होते ही अव्यवस्था दिख रही थी।
- दोपहर करीब पौने दो बजे आरती के साथ सत्संग समाप्त हुआ।
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सत्संग समाप्ति और भगदड़:
- सत्संग समाप्त होने के बाद श्रद्धालु सत्संग स्थल से बाहर निकलने लगे। इसी दौरान बाबा का काफिला भी निकला।
- बाबा के दर्शन के लिए धक्का-मुक्की होने लगी और भगदड़ मच गई।
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घायलों की स्थिति:
- भगदड़ मचते ही लोग हाईवे के निकट नाले और पानी से भरे खेतों और उसमें मौजूद गड्ढ़ों में गिरने लगे।
- इस दौरान जो लोग नीचे गिरे उन्हें किसी ने उठाने की कोशिश नहीं की बल्कि उन्हें रौंदते हुए भीड़ आगे बढ़ने लगी।
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घटना स्थल पर स्थिति:
- भगदड़ के दौरान किसी का मुंह, किसी का पैर, किसी का सिर तो किसी का हाथ मिट्टी में दब गया।
- कार्यक्रम स्थल के पास ही दूसरी तरफ भी खेत में बने गड्ढों में कई लोग दब गए।
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प्रशासन की कार्रवाई:
- घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन मौके पर पहुंचा और घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया।
- बताया जा रहा है कि जिन लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था उनमें से कई लोगों की मौत घटनास्थल पर ही हो गई थी।
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अनुमति की जांच:
- जांच के दौरान पता चला कि स्थानीय एसडीएम ने सिर्फ 80 हजार लोगों के जुटने की ही अनुमति दी थी।
- लेकिन सत्संग के आयोजकों ने अनुमति से कहीं ज्यादा लोगों को घटनास्थल पर इकट्ठा होने दिया।
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मुख्यमंत्री का आदेश:
- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना को लेकर जांच कमेटी का गठन किया है।
- सीएम योगी ने 24 घंटे के भीतर इस घटना की रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।
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भोले बाबा का परिचय:
- भोले बाबा ने 17 साल पहले पुलिस की नौकरी छोड़ दी थी।
- बाबा सफेद सूट और सफेद जूते में दिखाई देते हैं और उनका असली नाम सूरजपाल है।
- भोले बाबा कासगंज जिले के पटियाली तहसील के बहादुरनगर गांव के रहने वाले हैं और उनके पिता किसान थे।
- बाबा पुलिस में सिपाही के रूप में भर्ती हुए थे और उन्होंने यूपी पुलिस में काम करते हुए 12 थानों में अपनी सेवाएं दी हैं।
तो आज हमने जानें हाथरस कांड की पूरी कहानी आपको के बारे में जानकारी दी। अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो तो कृपया इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और हमें फॉलो करना न भूलें।
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