2024 राज्यसभा चुनाव में 12 सीटों पर मुकाबला: INDIA और NDA में कौन जीतेगा? जानें बदलते गणित का असर!

राज्यसभा चुनाव 2024: चुनाव आयोग ने जानकारी दी है कि 9 राज्यों की 12 राज्यसभा सीटों के लिए उपचुनाव 3 सितंबर को होंगे। इसी दिन चुनाव के परिणाम भी घोषित किए जाएंगे।

2024 राज्यसभा चुनाव में 12 सीटों पर मुकाबला: INDIA और NDA में कौन जीतेगा? जानें बदलते गणित का असर!
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राज्यसभा चुनाव 2024 की ताज़ा खबरें

राज्यसभा की 12 सीटों के लिए उपचुनाव 3 सितंबर को होगा। 9 राज्यों में इन 12 सीटों पर होने वाले मतदान के लिए चुनाव आयोग ने बुधवार को कार्यक्रम की घोषणा की। तारीखों की घोषणा के साथ ही राजनीतिक दलों ने जीत का फॉर्मूला निकालने में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।

इन 12 सीटों पर कौन जीतेगा, यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन इस बार इन 12 में से 10 सीटों पर कड़ा मुकाबला होने की संभावना जताई जा रही है। कुछ सीटों पर कांग्रेस का तो कुछ पर बीजेपी का पलड़ा भारी दिखाई दे रहा है। आइए जानते हैं कि इस चुनाव के बाद राज्यसभा का गणित कैसे बदलेगा।

पहले जानिए, कहां-कहां खाली हैं ये सीटें

  • महाराष्ट्र में 2 सीटें
  • बिहार में 2 सीटें
  • असम में 2 सीटें
  • त्रिपुरा में 1 सीट
  • हरियाणा में 1 सीट
  • राजस्थान में 1 सीट
  • मध्य प्रदेश में 1 सीट
  • ओडिशा में 1 सीट
  • तेलंगाना में 1 सीट

सीटें क्यों खाली हुईं?

इन 12 खाली सीटों में से 10 सीटें उच्च सदन के सदस्यों के लोकसभा चुनाव में जीतने के बाद खाली हुईं। तेलंगाना और ओडिशा से एक-एक राज्यसभा सदस्य ने अपनी पार्टी से इस्तीफा देकर दूसरी पार्टी जॉइन की, इसलिए राज्यसभा से भी इस्तीफा देना पड़ा।

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पहले इन 12 सीटों पर क्या थी स्थिति?

अगर पहले की स्थिति की बात करें तो बीजेपी सबसे आगे थी। उसके सात राज्यसभा सांसद थे। महाराष्ट्र की दोनों सीटों पर बीजेपी का कब्जा था। बिहार में एक सीट पर बीजेपी और एक पर आरजेडी का कब्जा था। असम की दोनों सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी। मध्य प्रदेश की 1 सीट, त्रिपुरा की 1 सीट पर बीजेपी का कब्जा था, जबकि हरियाणा और राजस्थान की एक-एक सीट पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। तेलंगाना में के. केशव राव ने भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) छोड़कर कांग्रेस जॉइन की, इसलिए उन्होंने इस्तीफा दिया। ओडिशा में बीजू जनता दल (बीजेडी) की सांसद ममता मोहंता ने बीजेपी की सदस्यता लेने के बाद राज्यसभा सीट छोड़ दी।

मध्य प्रदेश और त्रिपुरा में बीजेपी मजबूत

राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा चुनाव, मध्य प्रदेश में बीजेपी ने हमेशा अच्छा प्रदर्शन किया है। ऐसे में यह साफ है कि यहां बीजेपी एकतरफा जीत दर्ज कर सकती है। त्रिपुरा में भी बीजेपी मजबूत स्थिति में नजर आ रही है।

असम में भी एकतरफा मुकाबले की उम्मीद

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि बीजेपी असम में काफी मजबूत स्थिति में है। पिछली बार भी दोनों सीटों पर उसी का कब्जा था। इसलिए इस बार भी असम की दोनों सीटों पर बीजेपी जीत सकती है।

राजस्थान में बीजेपी आगे

राजस्थान की एक सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं। यहां बीजेपी मजबूत बताई जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि पहले विधानसभा चुनाव और फिर लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी ने जिस तरह प्रदर्शन किया है, उससे वह एक बार फिर यहां जीत दर्ज कर सकती है।

महाराष्ट्र और बिहार में कड़ा मुकाबला

महाराष्ट्र और बिहार में कड़े मुकाबले की उम्मीद है। पिछली बार बिहार में एक सीट पर आरजेडी और एक पर बीजेपी को जीत मिली थी। इस बार भी मुकाबला कड़ा हो सकता है क्योंकि विपक्षी दलों के पास भी पर्याप्त सीटें हैं।

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ओडिशा में बीजेपी और तेलंगाना में कांग्रेस को बढ़त

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि बीजेपी ने ओडिशा में बीजेडी को विधानसभा चुनाव में सत्ता से हटाया है। इस बार उसके पास अधिक संख्या है, इसलिए ओडिशा में बीजेपी का पलड़ा भारी है। तेलंगाना में रेवंत रेड्डी की अगुवाई में कांग्रेस ने सरकार बनाई थी। पार्टी के पास विधायकों की अच्छी संख्या है, इसलिए कांग्रेस यहां बाजी मार सकती है।

हरियाणा में सबसे कठिन मुकाबला

सभी राज्यों में हरियाणा में सबसे कठिन मुकाबला होने की संभावना है। हरियाणा विधानसभा में अब 87 सदस्य हैं। बीजेपी के पास 41 विधायक हैं, जबकि निर्दलीय नयन पाल रावत और हरियाणा लोकहित पार्टी (एचएलपी) के गोपाल कांडा का भी भाजपा को समर्थन है। बीजेपी के पास कुल 44 विधायकों का समर्थन है।

वहीं, विपक्ष के पास 43 विधायक हैं। इनमें कांग्रेस के पास 28 विधायक, जननायक जनता पार्टी (जजपा) के पास 10 और तीन निर्दलीय विधायक (रणधीर गोलान, धर्म पाल गोंदर, और सोमवीर सांगवान), चौथे निर्दलीय बलराज कुंडू और इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के अभय चौटाला शामिल हैं। तीन निर्दलीय विधायक रणधीर गोलान, धर्म पाल गोंदर, और सोमवीर सांगवान ने पहले सरकार को समर्थन दिया था, लेकिन हाल ही में उन्होंने कांग्रेस का समर्थन कर दिया।

इस बार के राज्यसभा चुनावों में कड़े मुकाबले की उम्मीद है। सभी दल अपनी-अपनी रणनीतियों के साथ जीत की कोशिश में लगे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन से राजनीतिक दल बाजी मारेंगे और राज्यसभा में किसका दबदबा होगा।

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