सफलता की कहानी: 24 साल के सौरव जोशी की बदली जिंदगी,नौजवानो के लिए प्रेरणा बने !

सौरव जोशी, जिन्होंने पिता के मजदूरी से शुरू कर 80 लाख महीना कमाने की उपलब्धि हासिल की। उनकी अद्वितीय सफलता की कहानी सुनिए।

सफलता की कहानी: 24 साल के सौरव जोशी की बदली जिंदगी,नौजवानो के लिए प्रेरणा बने !
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Success Story: 24 साल के सौरव जोशी कमाते हैं 80 लाख महीना, पिता करते थे मजदूरी, जानें कैसे बदल गई जिंदगी

जब बात आती है सफलता की, तो कई बार अजनबी की जिंदगी की कहानी हमें अपने साथ देखने को मिलती है। ये हैरान कर देती है कि कैसे किसी की कठिनाइयों से घिरी जिंदगी बदलकर उसे अपनी मंजिल तक पहुँचा देती है। ऐसी ही एक कहानी है 24 साल के सौरव जोशी की, जिन्होंने अपने अटल इच्छाशक्ति और मेहनत से अपने परिवार की जिंदगी को बदला। इस लेख में, हम उनकी इस अद्वितीय यात्रा को देखेंगे और जानेंगे कि कैसे एक साधारण परिवार के बच्चे ने अपनी मेहनत और संघर्ष से एक अद्वितीय सफलता की पराकाष्ठा पार की।

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Table of Contents

Sr# Headings
1 बचपन की शुरुआत
2 शिक्षा और प्रशिक्षण: नई दिशा
3 प्रोफेशनल करियर की शुरुआत
4 पहली नौकरी और सफलता की खोज
5 व्यापारिक समृद्धि की दिशा
6 स्थिरता और विकास की दिशा
7 समाज में प्रभाव
8 संघर्ष और सामर्थ्य: नई ऊंचाइयों की ओर
9 व्यक्तिगत जीवन में बदलाव
10 समाप्ति और संदेह

बचपन की शुरुआत

अपने परिवार का सहारा बनकर बड़े होना

सौरव जोशी ने अपनी कहानी की शुरुआत गरीब परिवार से की थी। उनके पिता एक मजदूर थे जो हर दिन कठोर मेहनत करते थे ताकि अपने परिवार को पाल सकें। इस दौरान, सौरव ने बचपन से ही मेहनत और अपने सपनों को पूरा करने की इच्छा रखी।

24 वर्षीय सौरव जोशी महीने में 80 लाख रुपये कमाते हैं। परिवार की खराब आर्थिक स्थिति के कारण पिता को काम करना पड़ा। मजदूरी के दिनों में नौ बार घर बदलना पड़ा। लेकिन आज इस परिवार में 42 लाख से अधिक लोग हैं। वास्तव में, सौरव जोशी ने लॉगिंग क्षेत्र में एक अलग पहचान बनाई है। सौरव के चैनल पर यूट्यूब पर 21 मिलियन सब् सक्राइबर्स हैं।

यह बताया जाना चाहिए कि सौरव जोशी मूल रूप से उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में रहते हैं। यहां तक कि उनका सफर काफी रोमांचक है। सौरव 8 सितंबर 1999 को कौसानी में पैदा हुआ। सौरव के पिता दिल्ली आ गए थे, काम की तलाश में। दिन-रात काम करके परिवार को आगे बढ़ा। सौरव के पिता घर की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पीओपी का काम करने लगे। उन्हें बच्चों के लिए कभी कमी नहीं होने दी, भले ही वे बहुत संघर्ष कर चुके हों।

डिजाइनिंग और आर्किटेक्‍चर में करियर

लड़ाई यहीं खत्म नहीं हुई। सौरव को इंटर में अच्छे मार्क्स नहीं मिले, जिससे उनका करियर चिंता में आ गया। लोगों की सलाह पर कला और डिजाइन में करियर बनाने के लिए दिल्ली चले गए। कोचिंग के दौरान मैंने विजुअल रिप्रजेंटेशन, पर्सपेक्टिव ड्रॉइंग के बारे में बहुत कुछ सीखा। इस दौरान ड्रॉइंग में उनकी रुचि काफी बढ़ी। वह कोचिंग पूरी करने के बाद भी आर्किटेक्चर में चुना नहीं गया, इसलिए घर वापस आकर पिता के साथ पीओपी का काम करने लगे।

यूट्यूब ने दिलाई पहचान

इस दौरान, सौरव ने ड्रॉइंग बनाना जारी रखा। उन्होंने भाई की सलाह पर यूट्यूब पर वीडियो बनाना शुरू किया। शुरूआत में सफलता नहीं मिली, लेकिन सौरव ने अंततः Vlog Channel बनाया। लॉकडाउन के दौरान पूरे परिवार को ड्रॉइंग करते हुए एक दिन का वीडियो अपलोड किया। सौरव का जीवन इस वीडियो से बदल गया। आज वह किसी सेलिब्रिटी से कम नहीं हैं।

आज सौरभ जोशी प्रतिदिन 1.5 से 2 लाख रुपये कमाते हैं और उनके पास कई कार हैं। जो उनकी पसंदीदा कार थार है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि उन्होंने साइकिल पर सफर किया था।याद रखें कि सौरभ जोशी ने अपने भाई पीयूष जोशी के साथ मिलकर यूट्यूब पर एक व्लॉगिंग चैनल बनाया, जहां वह अपनी बोरियत को दूर करता था, जब सब लोग कोरोनावायरस महामारी के दौरान घरों में कैद थे। इसमें सौरभ जोशी ने अपनी दिनचर्या को दूसरों से शेयर करना शुरू किया।

इनके छोटे भाई पीयूष जोशी (Piyush Joshi) ने भी अपने व्लॉग में अपनी मासूमियत का तड़का डालकर इस चैनल को बेहतर बनाने में अपनी भूमिका निभाई। आज उनके 20 मिलियन यूट्यूब सब्सक्राइबर्स हैं।सौरभ जोशी का परिवार मूल रूप से उत्तराखंड का था, लेकिन उनके पिता लगभग दो दशक पहले हरियाणा में अपनी पत्नी और बच्चों के साथ आ गए। सौरभ ने पहले हिसार के हांसी में पढ़ाई की थी। उन्होंने साइकिल पर स्कूल जाया करता था।

सौरभ जोशी के पिता आम पेंटर थे। लोगों के घरों में रंग रोगन करने से उन्हें तीन से चार सौ रुपये प्रति दिन मिलते थे। जहां उनकी आवश्यकताएं मुश्किल से पूरी होती थीं हरियाणा में ही सौरभ जोशी ने लगभग दो मिलियन सब्सक्राइबर्स का सफर पूरा किया। बाद में वह उत्तराखंड के हल्द्वानी में अपने घर आ गए।

आज, सौरभ जोशी ने अपने व्लॉग से काफी पैसे कमाए हैं और उनकी गाड़ियां लगभग एक करोड़ रुपये की हैं। वह जल्द ही हल्द्वानी में एक बड़ा घर बनवाने वाली है।

शिक्षा और प्रशिक्षण: नई दिशा

विद्यालय शिक्षा और उसकी महत्वपूर्ण भूमिका

बचपन में सौरव ने विद्यालय में अच्छे अंक प्राप्त किए और शिक्षा में अपनी महारत दिखाई। उनके माता-पिता ने उन्हें शिक्षा में पूरी सहायता दी और उनके दिल में समाज सेवा की भावना जगाई। सौरव ने अपने पढ़ाई में अच्छे अंक प्राप्त करके उस दिशा में कदम रखा जिसमें उन्होंने अपनी सफलता की बुनियाद रखी।

प्रोफेशनल करियर की शुरुआत

अपनी पहली कठिनाई और नौकरी की खोज

विद्यालय की पढ़ाई के बाद, सौरव ने अपनी प्रोफेशनल करियर की शुरुआत की। वह अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए अपने क्षेत्र में निरंतर उन्नति करने के लिए मेहनत करते रहे।

वह आज भारत में प्रसिद्ध यूट्यूबर हैं, लेकिन उनका जीवन भी कठिन रहा है। वह अपने परिवार के साथ फिलहाल हल् द्वानी में रहते हैं।

टोटाशिलिंग, कौसानी (अल्मोड़ा) और वर्तमान में हल्द्वानी के रामपुर रोड निवासी सौरभ ने भारत के व्लागिंग यूट्यूबरों में अग्रणी स्थान हासिल किया है।
सौरभ जोशी के 18.8 मिलियन यूट्यूब प्रशंसक हैं।
1100 वीडियो से अधिक अपलोड कर चुके हैं।

19 फरवरी 2019 से चैनल शुरू हुआ था।
वीडियो अपलोड होते ही लाखों लोग इसे देखते हैं।

तो आज हमने आपको सफलता की कहानी: 24 साल के सौरव जोशी की बदली जिंदगी  के बारे में जानकारी दी। अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो तो कृपया इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और हमें फॉलो करना न भूलें।

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