ब्रिटेन में 4 जुलाई को वोटिंग:सर्वे में सुनक की पार्टी को 117, लेबर पार्टी को 425 सीटें; सुनक की पार्टी का सफाया तय

ब्रिटेन में भारतवंशी पीएम ऋषि सुनक और उनकी कंजरवेटिव पार्टी का जल्द चुनाव का दांव फेल होता दिख रहा है। एक सप्ताह बाद 4 जुलाई को होने वाली वोटिंग से पहले अधिकांश सर्वे में कंजरवेटिव पार्टी के सफाए की भविष्यवाणी कर रहे हैं।

ब्रिटेन में 4 जुलाई को वोटिंग:सर्वे में सुनक की पार्टी को 117, लेबर पार्टी को 425 सीटें; सुनक की पार्टी का सफाया तय
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ब्रिटेन में भारतीय मूल के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और उनकी कंजरवेटिव पार्टी का जल्द चुनाव कराने का दांव असफल होता दिख रहा है। 4 जुलाई को होने वाली वोटिंग से पहले अधिकांश सर्वेक्षणों में कंजरवेटिव पार्टी के भारी नुकसान की भविष्यवाणी की जा रही है। द इकोनोमिस्ट के सर्वेक्षण में सुनक की पार्टी को सबसे अधिक 117 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि सावंता-गार्जियन के सर्वेक्षण में पार्टी को केवल 53 सीटें मिलने का दावा किया गया है। यह आंकड़ा 2019 के चुनाव में मिली 365 सीटों की तुलना में काफी कम है।

650 सीटों वाले सदन में कीर स्टारमर की लेबर पार्टी को सबसे कम 425 और अधिकतम 516 सीटें मिलने का अनुमान है। 7 सर्वेक्षणों के औसत में भी सुनक को 95 और स्टारमर को 453 सीटें मिलती दिख रही हैं। अब सुनक के जल्द चुनाव कराने के निर्णय पर सवाल उठ रहे हैं। जब वे लोकप्रियता में लेबर पार्टी से 20 अंक पीछे थे, तो समय पूर्व चुनाव घोषित क्यों किए?

सर्वेक्षणों के मुताबिक, सुनक अपनी सीट भी हार सकते हैं। सावंता के सर्वेक्षण में दावा किया गया है कि पीएम सुनक अपनी रिकमोंड सीट (यॉर्कशायर) भी हार सकते हैं। यदि ऐसा होता है, तो वे ब्रिटेन के पहले प्रधानमंत्री होंगे जिनके साथ ऐसा होगा। वहीं, पूर्व मंत्री लॉर्ड गोल्डस्मिथ ने आरोप लगाया है कि सुनक संभावित हार के बाद अमेरिका शिफ्ट हो जाएंगे, हालांकि कंजरवेटिव पार्टी और पीएम सुनक ने इस आरोप का खंडन किया है।

चुनाव के बाद लेबर पार्टी ने कहा है कि वे भारत के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) पर प्राथमिकता से काम करेंगे। लेबर पार्टी के सांसद और शैडो विदेश मंत्री डेविड लैमी ने कहा है कि यदि वे सत्ता में आते हैं तो भारत के साथ एफटीए साइन करेंगे। लंदन में इंडिया ग्लोबल फोरम में डेविड ने कहा कि सुनक की पार्टी 2010 से सत्ता में है, लेकिन अब तक उन्होंने भारत के साथ एफटीए साइन नहीं किया। हमें भारत के साथ अपने रिश्तों को पुनः प्रारंभ करने की आवश्यकता है और लेबर पार्टी इसके लिए तैयार है।

पार्टियों के मुद्दे और वादे: कंजरवेटिव पार्टी:

  • कानूनी प्रवासियों की सीमा तय करेंगे और अवैध प्रवासियों को रवांडा भेजेंगे।
  • ब्रेक्जिट के बाद यूरोप के साथ संबंधों को मजबूत करेंगे।
  • देश के रक्षा बजट खर्च को जीडीपी के 2.5% तक बढ़ाएंगे।
  • एनएचएस के तहत 92,000 नर्सों और 28,000 डॉक्टरों की भर्ती करेंगे।

लेबर पार्टी:

  • छात्रों और तकनीशियनों के लिए वेलकम पॉलिसी की घोषणा करेंगे।
  • अवैध प्रवासियों को रवांडा भेजने की नीति को समाप्त करेंगे।
  • रोजगार बढ़ाने के लिए नई इंडस्ट्रियल पॉलिसी लाएंगे।
  • टैक्स बढ़ाने की बजाय वेल्थ क्रिएशन पर फोकस करेंगे।
  • अवैध प्रवासियों को रोकने के लिए सीमा सुरक्षा मजबूत करेंगे।
  • यूरोप से रिश्ते सुधारेंगे और एनएचएस में वेटिंग कम करेंगे, कैंसर स्क्रीनिंग बढ़ाएंगे।

कंजरवेटिव पार्टी में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा भी शुरू हो गई है। कई नेताओं ने पार्टी की कमान संभालने के लिए लॉबिंग शुरू कर दी है। इनमें से कई नेता सुनक विरोधी खेमे से जुड़े हैं। इनमें प्रमुख नाम पूर्व पीएम बोरिस जॉनसन, पूर्व गृहमंत्री प्रीति पटेल, राज्य मंत्री केमी बेडनॉच, पूर्व गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन, और वर्तमान गृहमंत्री जेम्स क्लेवरली शामिल हैं।

इस लेख में हमनेअमेरिका में 28 जून को राष्ट्रपति जो बाइडेन और डोनाल्ड ट्रम्प के बीच पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट हुई के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की है। यदि आपके पास इस विषय पर कोई और प्रश्न हों या और जानकारी चाहिए, तो कृपया हमें टिप्पणी के माध्यम से बताएं। अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो तो कृपया इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और हमें फॉलो करना न भूलें।

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