फैट बर्निंग जोन: जानिए क्या है फैट बर्निंग जोन और अपने शरीर में इसे कैसे पहचानें - वजन घटाने और फिटनेस के लिए महत्वपूर्ण टिप्स

फैट बर्निंग जोन वह क्षेत्र होता है जहां आपके शरीर में अधिक तेजी से वसा जलती है। इसे पहचानना आपके व्यायाम रेजीम और शारीरिक क्रियाओं के आधार पर किया जा सकता है। यह जोन आपके हार्मोनल और शारीरिक प्रतिक्रियाओं पर निर्भर करता है और वजन घटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस जोन को पहचानने के लिए उपयुक्त व्यायाम, उचित आहार और पूरे नींद की आवश्यकता होती है।

फैट बर्निंग जोन: जानिए क्या है फैट बर्निंग जोन और अपने शरीर में इसे कैसे पहचानें - वजन घटाने और फिटनेस के लिए महत्वपूर्ण टिप्स
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शरीर पर जमा एक्स्ट्रा फैट को कम करने के लिए उत्कृष्ट मोटिवेशन और सही दिशा बेहद महत्वपूर्ण होती है। यही कारण है कि लोग जिम जाते हैं, जो उनके लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होता है। शरीर में जमा एक्स्ट्रा फैट कई बीमारियों का कारण बन सकता है, जैसे कि इंसुलिन रेसिस्टेंस, टाइप-2 डायबिटीज, हाइपरटेंशन, गैर-अल्कोहलिक फैटी लिवर, कमजोर इम्यूनिटी, और हृदय संबंधी समस्याएं। इस वजह से सिर्फ मोटे लोग ही नहीं, बल्कि नॉर्मल वजन वाले भी इस समस्या से प्रभावित हो सकते हैं। इसलिए, हर किसी को फैट बर्निंग जोन का सही उपयोग करने की आवश्यकता होती है।

फैट बर्निंग जोन क्या होता है?

फैट बर्निंग जोन का मतलब होता है वह एक्सरसाइज इंटेंसिटी की स्तर है, जिसमें शरीर में जमा एक्स्ट्रा फैट को खत्म किया जा सकता है। कई जिम और फिटनेस सेंटर्स में फैट बर्निंग जोन के चार्ट्स लगे होते हैं, जिनसे पता चलता है कि एक्सरसाइज की कितनी मात्रा में करनी चाहिए ताकि व्यक्ति अधिक से अधिक फैट खत्म कर सके। मेरठ स्थित फिटनेस एक्सपर्ट मोहित चौहान के अनुसार, फैट बर्निंग जोन का मतलब एक्सरसाइज की रेंज से है, जिसमें शरीर द्वारा जमा फैट को एनर्जी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। जब हम एक्सरसाइज करते हैं, तो शरीर कार्बोहाइड्रेट, फैट और कुछ हद तक प्रोटीन को इस्तेमाल करता है, लेकिन फैट बर्निंग जोन में एक्सरसाइज करने से प्राथमिक रूप से फैट को उपयोग किया जाता है।

फैट घटाने के लिए विशेष एक्सरसाइज तकनीक

फिटनेस एक्सपर्टों के अनुसार, जब हम एक्सरसाइज करते हैं, तो हमारा हार्ट रेट अपने अधिकतम हार्ट रेट का 60 से 70 प्रतिशत होना चाहिए। इस तरह के वर्कआउट की इंटेंसिटी हल्की से मध्यम होनी चाहिए, जिससे आप आराम से एक्सरसाइज कर सकें, लेकिन इससे आपकी सांसें फूल सकती हैं। इस तरह की एक्सरसाइज के दौरान हार्ट रेट की निगरानी के लिए आप स्मार्टवॉच या फिटनेस ट्रैकर का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस तरह के एक्सरसाइज से शरीर कार्बोहाइड्रेट्स की जगह बॉडी में जमा फैट को इस्तेमाल करता है, जिससे आपका वजन कम होने लगता है और फैट घटने में मदद मिलती है। इस तरह के वर्कआउट से हमारे शरीर का एरोबिक मेटाबोलिज्म प्रभावित होता है, जहां एनर्जी के लिए ऑक्सीजन फैट मॉलेक्यूल्स को तोड़ती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि जब हम हल्की एक्सरसाइज लंबे समय तक करते हैं, तो शरीर फैट को फ्यूल के रूप में इस्तेमाल करता है।

अपने फैट बर्निंग जोन को कैसे निर्धारित करें?

अपने फैट बर्निंग जोन को निर्धारित करने का सबसे सरल तरीका यह है कि आप अपने मैक्सिमम हार्ट रेट का 60 से 70 प्रतिशत निकालें। सामान्यतः, किसी व्यक्ति की मैक्सिमम हार्ट रेट 220 से उसकी उम्र कम करके निकाली जाती है। मान लीजिए कि आपकी उम्र 30 वर्ष है, तो आपका मैक्सिमम हार्ट रेट लगभग 190 होगा। बेसिक गणित का इस्तेमाल करके, आप अपने टारगेट हार्ट रेट रेंज को लगभग 114 से 133 धक्कों प्रति मिनट तक निर्धारित कर सकते हैं। इस हार्ट रेट रेंज के अंतर्गत एक्सरसाइज करने से आप फैट को अधिक से अधिक उपयोग में ला सकते हैं और इसके फलस्वरूप स्थायी वजन घटाने और फिटनेस को सुधारने में मदद मिलती है।

इस रीति से, फैट बर्निंग जोन को समझना और सही तरीके से उपयोग करना किसी भी व्यक्ति के लिए बेहद महत्वपूर्ण है जो अतिरिक्त शरीरीक फैट से निपटना चाहते हैं और अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाना चाहते हैं। अपने हार्ट रेट को फैट बर्निंग जोन में रखकर आप शरीर में जमा फैट का सबसे अधिक उपयोग कर सकते हैं, जो लंबे समय तक वजन को नियंत्रित रखने और स्वस्थ रहने में मदद करता है।

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