Panchayat3; मुस्‍कुराहट, भावनाएं और प्‍यार का संगम,यहाँ देखे रिलीज़ की तारीख !

Panchayat 3; में हंसी, भावनाएं और प्‍यार सब कुछ है। पढ़ें हमारी समीक्षा और जानें क्या खास है इस सीरीज में।

Panchayat3;   मुस्‍कुराहट, भावनाएं और प्‍यार का संगम,यहाँ देखे रिलीज़ की तारीख !
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पंचायत सीजन 2 मूवी समीक्षा

परिचय

टीवीएफ की लोकप्रिय वेब सीरीज 'पंचायत' का दूसरा सीजन दर्शकों के बीच आ चुका है और इसे काफी सराहा जा रहा है। इस फिल्म समीक्षा में, हम 'पंचायत सीजन 2' की कहानी, अभिनय, निर्देशन, और अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं का सिनेमा मूल्यांकन करेंगे। तो चलिए, इस मूवी मूल्यांकन के सफर की शुरुआत करते हैं।

dekh rahe ho binod


Table of Contents

Sr# Headings
1 कहानी का संक्षिप्त परिचय
2 मुख्य किरदार
3 अभिनय और प्रदर्शन
4 निर्देशन और सिनेमैटोग्राफी
5 संगीत और पृष्ठभूमि संगीत
6 संवाद और पटकथा
7 सामाजिक संदेश
8 फिल्म की कमजोरियां
9 दर्शकों की प्रतिक्रिया
10 निष्कर्ष
11 FAQs

1. कहानी का संक्षिप्त परिचय

'पंचायत सीजन 2' की कहानी फिर से हमें गाँव की सादगी और वहां के लोगों के जीवन की कठिनाइयों और खुशियों के करीब ले जाती है। यह सीजन भी अभिषेक त्रिपाठी (जीतेंद्र कुमार) और फुलेरा गाँव के अन्य मुख्य पात्रों की जिंदगी पर आधारित है। अभिषेक, जो अभी भी अपने सपनों की नौकरी की तलाश में है, पंचायत सचिव की नौकरी कर रहा है। इस बार की कहानी में नये मोड़ और दिलचस्प घटनाओं को जोड़ा गया है, जिससे दर्शकों को एक नई ताजगी का अनुभव होता है।

'पंचायत 2' वेब सीरीज लगभग दो साल के इंतजार के बाद प्राइम वीडियो (Amazon Prime Videoi) पर रिलीज हुई है। चंदन कुमार की कहानी, दीपक कुमार मिश्रा की निर्देशन में, इस बार भी प्रभावशाली है। सीरीज के आठ एपिसोड्स एक शांत नदी की तरह बहती हैं। इसमें गोते लगाने में बहुत मेहनत नहीं करनी पड़ती। TVF की यह सीरीज कई मायनों में कॉमेडी और ड्रामा के क्षेत्र में तारीफ के काबिल है। शहर की ओर भाग रहे लोगों को यह सिर्फ गांव की याद दिलाता है।

यह भी बताता है कि फव् वारे और श िवलिंग की तलाश में हम असली मुद्दों को भूल जाते हैं। ग् लोबल मंच पर खुद को सुपरपावर बताकर तालियां लेना ठीक है। लेकिन सड़क से लेकर खुले में शौच तक, किन बुनियादी आवश्यकताओं और परेशानियों का क् या? कभी-कभी गांव की टूटी सड़कों से गुजरते हुए धूल फांकते हुए फुलेरा भी पहुंच जाता है। यकीन मानिए, जीवन मंदिर-मस्जिद की बुनियाद साबित करने का शोर नहीं, बल्कि बरगद के पेड़ के नीचे की ठंडी हवा है।

यह श्रृंखला आपको हंसा देगी। वह चुपके से कुछ कहती है, जिस पर विचार करना चाहिए। फुलेरा गांव का सचिव अभ िषेक त्रिपाठी (Jitendra Kumar) सिर्फ एक किरदार नहीं है; यह देश के युवा लोगों की भी कहानी है जो कॉरपॉरेट कल्चर में लाखों-करोड़ों रुपये के पैकेज की चाहत में शहर की ओर भागना चाहते हैं और सिद्धार्थ जैसे लोगों को चिल्ल करने के लिए गांव आते हैं।

साल 2020 में रिलीज़ हुए "पंचायत सीजन-1" से इतर, इस बार सीजन-2 के अंतिम एपिसोड में आपकी आंखों में भी ठंड लगेगी। इस बार आप सीरीज को समाप्त करने के लिए जीवन से कुछ ऐसी सीख लेंगे, जैसे "गजब बेइज् जती है"।

कहानी

पंचायत 2' की कहानी वहीं से शुरू होती है जहां 2020 में 'पंचायत सीजन-1' का अंत हुआ था। आज भी फुलेरा के सचिव अभिषेक त्रिपाठी को गांव से दूर रहना होगा। उसने खुद को एक वर्ष का समय दिया है। सचिव के रूप में, वह कैट की तैयारी भी कर रहे हैं। गांव की प्रधान मंजू देवी (Neena Gupta) के परिवार से अपनेपन का संबंध है। अब प्रधान के पति बृज भूषण दुबे (Raghubir Yadav), उप प्रधान प्रह्लाद पांडे (Faisal Malik) और दफ्तर में असिस् टेंट विकास (Chandan Roy) से अभ िषेक है। 

Abhishek को शहर जाना है, लेकिन पहले सीजन की तरह गांव में रहना उसके लिए अच्छा नहीं है। कंफर्ट आया है। आगे गांव के मुद्दे हैं। सड़क, बिजली, सीसीटीवी और खुले में शौचालय हैं। सचिव जी इन समस्याओं का सामना कर रहे हैं। प्रधान जी की प्रधानी को टक् कर देने के लिए भूषण और क्रांति देवी हैं। वह भी एक मूर्ख विधायक है। एक बेटा सैनिक है। एक नृत्यांगना भी है, 

जो जीवन का सार है, हम सब कहीं न कहीं नाच रहे हैं। एक पिता की जिंदगी टूट गई है। जब वे समाज में निकलेंगे तो उनका सिर ऊंचा रहेगा और उन्हें बहुत सम्मान मिलेगा। लेकिन घर लौटने पर आप अकेले हो जाएंगे। भी उम्र के लिए।

रिव्‍यू

चंदन कुमार की कहानी और दीपक कुमार मिश्रा की डायरेक् शन वाले पंयाचत सीजन-2 में आप देखना शुरू करते हैं, लेकिन आठ एपिसोड कब खत्म हो जाएंगे पता नहीं चलता। हाल ही में हिंदी बनाम साउथ की बेवजह बहस में जुटे हुए ऐक् टर्स और डायरेक् टर्स को भी इस कला को देखना चाहिए. यह सादगी और साफगोई से कहानी कहने और उसे पर्दे पर दिखाने की कला है। यह जरूरी नहीं कि सब कुछ केजीएफ और पुष् पा की तरह लार्जर दैनिक जीवन हो।

हीरोइज्म सिर्फ करोड़ों की कमाई या दस लोगों को एक घूसे में मार डालना नहीं है। हीरोइज् म भी मानना चाहिए कि 20 से 30 हजार में देश के लिए जान देने का साहस आज भी गांव की मिट्टी में रहने वालों में है, शहर की कोठियों में इंस्टाग्राम पर रात बिताने वालों में नहीं।जितेंद्र कुमार फिर से सचिव अभिषेक त्रिपाठी का किरदार निभाते हैं। एक बार फिर आप उनसे जुड़ते हैं। हां, गांव में मेकअप अक्सर थोड़ा अधिक जरूर होता है। लेकिन यह सब है। रघुबीर यादव 'पंचायत 2' में नीना गुप्ता और बृज भूषण दुबे की भूमिका में मंजू देवी की रीढ़ की हड्डी साबित होते हैं।

दोनों शानदार हैं। वह बिना किसी डायलॉग के एक साथ बैठे हुए भी अच्छे लगते हैं। लेकिन इन सब से आगे, चंदन राय और फैजल मलिक यानी ऑफिस असिस् टेंट विकास और उप प्रधान प्रह्लाद पांडे यूएसपी 'पंचायत 2' में साबित हुए हैं। जिस भी फ्रेम में दोनों हैं, आप सिर्फ उन्हीं को देखना चाहेंगे। प्रह्लाद पांडे की तरह फैजल मलिक भी हैरान करते हैं। वह पूरी कहानी में शुरू से ही हल् के-फुल् के रूप में दिखते हैं,

अंत तक आते-आते बेहद इमोशनल कर जाते हैं। क्‍लाइमेक्‍स सीन में वह पूरी की पूरी लाइमलाइट लूट ले जाते हैं। एक बेफिक्र, बिंदास उप प्रधान को अंत में लड़खड़ाते पिता के रूप में टूटते और फिर संभलते हुए देखना आपको झकझोर देता है।छोटे-छोटे किरदारों ने भी प्रभावित किया है। विशेष रूप से क्रांति देवी के किरदार में सुनीता राजवर और उनके पति भूषण के किरदार में दुर्गेश कुमार मजेदार हैं। Sanvika, नीना गुप्ता और रघुबीर यादव की बेटी रिंकी की भूमिका में सुंदर लगती है। उनके किरदार को और देखना चाहते हैं। शायद लेखक और निर्देशक ने उन्हें सीजन-3 के लिए बचाया है। पंकज झा भी विधायक चंद्र किशोर सिंह का किरदार निभाते हैं।

अनुराग सैकिया के संगीत की खास तारीफ करनी चाहिए। उनके संगीत के बिना, "गुल् लक" की कहानी पूरी नहीं होती। कथा इतनी सादगी से कही गई है कि अनुराग का बैकग्राउंड स् कोर दिल में सादगी भर देता है। हमने उन्हें बड़े पर्दे पर 'मुल् क', 'आर्टिकल 15' और 'थप् पड़' में भी देखा है। गांव की सुंदरता को अमिताभ सिंह की सिनेमेटोग्राफी ने सुंदरता से पर्दे पर उतारा है। अमिता कुलकर्णी ने एडिटिंग टेबल पर बहुत मेहनत की। सीरीज में बहुत कम बेवजह के सीन्स हैं, जो हर एपिसोड में 40 से 45 मिनट की कसावट देते हैं।

कुल मिलाकर, आपको 'पंयाचत 2' देखना चाहिए। कहानी के अनुसार। निष्ठा के लिए। बेवजह शोर से इतना अच्छा देखने के लिए लेकिन कुछ कमियां हैं। साथ ही एक लालटेन जलाने वाला सीन भी है, जो वास्तव में गांव से बाहर हो गया है। गांव में अब बैटरी से चलने वाले चाइनीज एलईडी लाइटों ने लालटेन की जगह ले ली है। लेकिन यह सब है। ट्रेलर ने अभिषेक और रिंकी की प्रेम कहानी को अंदेशा कर दिया था, लेकिन सीजन-2 इसे सिर्फ छूकर आगे बढ़ाता है। शायद यह "सीजन-3" के लिए होगा। 'पंचायत 2' देखें अगर आप दिल, मन और आंखों को सुकून देने वाला कुछ देखना चाहते हैं। हां, "पंचायत सीजन 1" की तुलना में, इस बार कहानी कुछ अलग है।

निष्कर्ष

समाप्ति में, 'पंचायत सीजन 2' एक बेहतरीन सीरीज है जो हमें गाँव की सादगी और वहां के लोगों के जीवन की झलक दिखाती है। यह फिल्म हमें हंसाती भी है और भावुक भी करती है। फिल्म का सिनेमा मूल्यांकन करते हुए कहा जा सकता है कि यह एक अद्भुत फिल्म है जो दर्शकों के दिलों में अपनी छाप छोड़ती है।

FAQs

1. 'पंचायत सीजन 2' की कहानी क्या है?

'पंचायत सीजन 2' की कहानी एक गाँव के पंचायत सचिव अभिषेक त्रिपाठी और फुलेरा गाँव के अन्य मुख्य पात्रों की जिंदगी पर आधारित है। इस बार की कहानी में नये मोड़ और दिलचस्प घटनाओं को जोड़ा गया है।

2. फिल्म में मुख्य किरदार कौन-कौन से हैं?

फिल्म में मुख्य किरदारों में अभिषेक त्रिपाठी (जीतेंद्र कुमार), प्रधानजी (रघुबीर यादव), प्रधानपत्नी (नीना गुप्ता) और विकास (चंदन रॉय) शामिल हैं।

3. 'पंचायत सीजन 2' का निर्देशन कैसा है?

फिल्म का निर्देशन दीपक कुमार मिश्रा ने बहुत ही संवेदनशीलता और कुशलता के साथ किया है। उन्होंने गाँव की सादगी और वहां के लोगों के जीवन को बहुत ही वास्तविक और संवेदनशील तरीके से प्रस्तुत किया है।

4. 'पंचायत सीजन 2' का सामाजिक संदेश क्या है?

'पंचायत सीजन 2' का सामाजिक संदेश है कि गाँव की सादगी, सामुदायिकता और पारस्परिक संबंधों की महत्ता को समझना चाहिए। यह सीरीज हमें यह सिखाती है कि कैसे छोटे-छोटे सुख और दुःख जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं और इन्हें कैसे जीया जाए।

5. 'पंचायत सीजन 2' की कमजोरियां क्या हैं?

फिल्म की कमजोरियों में कहानी का कुछ हिस्सों में धीमा होना और कुछ एपिसोड्स का लंबा खिंचना शामिल है। इसके अलावा, कुछ किरदारों के विकास में थोड़ी कमी महसूस होती है।

तो आज हमने आपको Panchayat 2: मुस्‍कुराहट, भावनाएं और प्‍यार का संगम के बारे में जानकारी दी। अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो तो कृपया इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और हमें फॉलो करना न भूलें।

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